Friday, August 22, 2008

रहीम के दोहेःपति पत्नी को एक ही देव की आराधना करना चाहिए

पुरुष पूजै देवरा, तिय पूजे रघुनाथ
कहि रहीम दोउन बने, पड़ौ बैल के साथ

कविवर रहीम कहते हैं कि घर का पुरुष किसी दूसरे देवता की पूजा करता है या केवल कमाने में ही उसका मन लगता है और पत्नी भगवान श्रीराम को मानती है तो उनका साथ नहीं बन पाता। उनक यह साथ ऐसा ही जैसे बैल के साथ पड़ा चल रहा हो।
वर्तमान संदर्भ में व्याख्या-आजकल की विषम परिस्थतियों में लोगोंें के घर तनाव का यह भी एक कारण है। वर्तमान भौतिक युग में कठिन होते जा रहे इस जीवन में जहां केवल कमाने का दायित्व पुरुष सदस्यों का है वहां ऐसे तनाव जरूर पैदा होता है। पुरुष तो रोज कमाने के चक्कर में घर से निकल जाते हैं और स्त्री समय निकालकर भगवान की पूजा करती हैं और सत्संग में जाती है। इसके अलावा पुरुषों के मन में यह भी होता है कि यह पूजा वगैरह तो केवल बुढ़ापे में करने का काम है और फिर अपने घर की स्त्री यह सब कर ही रही है तो उसका फल उसे मिलेगा तो हम भी लाभान्वित होंगे। इससे दोनों के बीच एक वैचारिक अंतर पैदा होता है जो दोनों के लिये तनाव का कारण बनता है। इसके अलावा कहीं पुरुष किसी तांत्रिक या सिद्ध के चक्कर में पड़े रहते हैंं पर स्त्री केवल भगवान का भजन करती है वहां यही संकट पैदा होता है। हर घर में स्त्री और पुरुष को एक ही देव की उपासना करना चाहिए। यहां यह बात याद रखना चाहिए कि जैसे देव या इष्ट की पूजा आदमी करता है वैसा ही गुण उसमें आता है। अगर किसी ऐसे देव की जीवंत भावना रखकर आराधना की जायेगी तो हमारा मन प्रफुल्लित हो उठेगा और अगर किसी देव में उसके स्वर्गीय होने का आभास होता है तो उसकी आराधना से हमारा मन भी निराशा और निष्कियता की ओर अग्रसर हो जायेगा और वैसा ही फल भी होता है। अतः स्त्री और पुरुष को एक ही देव को पूजना चाहिए।
---------------------------
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप

1 comment:

seema gupta said...

उसकी आराधना से हमारा मन भी निराशा और निष्कियता की ओर अग्रसर हो जायेगा और वैसा ही फल भी होता है। अतः स्त्री और पुरुष को एक ही देव को पूजना चाहिए।
" oh god, is it true kya, i was not knowing about it that both should worship same god" thanks for sharing.

Regards

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels