Saturday, August 8, 2015

समाचार और धर्म के व्यापारियों का आपसी द्वंद्व-हिन्दी चिंत्तन लेख(war between media and religion businessmen-hindi thought article)

                              
                   सभी हिन्दी प्रचार माध्यम जब किसी प्रतिष्ठत भारतीय धर्म के पेशेवर व्यक्तित्व की छवि खराब करने के लिये संयुक्त शब्द आक्रमण करते हैं तब हम जैसे लोगों के लिये मजाक जैसा वातावरण बन जाता है। प्रचार कर्मी अक्सर कहते हैं कि अमुक व्यक्ति धर्म के नाम पर भोले भाले भक्तों का ठग रहा है।  उस समय हमें लोगों के लोभ या लालच से पनपे अज्ञान की बजाय इन प्रचार कर्मियों पर हंसी आती है।  यह सभी जानते हैं कि भारत में प्रचार माध्यम सैद्धांतिक रूप से  ही स्वतंत्र दिखते हैं पर उनका आर्थिक स्वामित्व दो नंबर ही नहीं वरन् काले धंधे वालों के हाथ में ही है।  एक टीवी चैनल ने ही  बकायदा इस व्यवसाय में उन सफेदपोशों के स्वामित्व को उजागर करने के लिये अभियान के रूप में एक कार्यक्रम प्रारंभ किया है जिनके पास काला पैसा है या उनका धंधा काला है।
                                   भारत में धर्म चर्चा एक व्यवसाय की तरह भी है।  व्यवसाय में ऊंची नीच होता ही है।  इसलिये हिन्दी समाचार प्रसारण व्यवसायियों के अनुचरों को  रोज एक खलनायक विज्ञापनों के बीच समाचारा और बहस की सामग्री प्रसारण के लिये मिल ही जाता है। कभी गोल्डन बाबा, कभी राधे मां तो कभी सारथी बाबा। एक बात मजे की होने के साथ ही संदेहास्पद भी लगती है कि सभी निजी हिन्दी समाचार प्रसारण एक साथ ही एक ही खबर पर हमले करते हैं। कभी कभी तो लगता है कि इन समाचार व्यवसायी  इन पेशेवर धार्मिक गुरु आसान शिकार की तरह  लगते हैं जिसका चाहे जब हमला कर देते हैं। भारत के योग तथा ज्ञान साधकों की इन पेशेवर ठेकेदारों से कोई सहानुभूति नहीं है पर प्रचार माध्यम जिस तरह हल्के विषयों को भी गंभीर और देश के लिये महत्वपूर्ण विषयों को हल्का बनाते हैं वह भी उनको हैरानी काी बात लगती है। इन समाचार माध्यमों में अधिकतर ऐसे विद्वान हैं जो  अंग्रेजी शिक्षा के कारण विदेशी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा धािर्मक विचारधाराओं को श्रेष्ठ मानते हैं। इन विदेशी विचाराधाराओं के पोषक बुद्धिजीवी और प्रचारक जब धर्म के ठेकेदारों की कमाई से चिढ़ते हैं तो हंसी आती है। उनकी कुंठा देखते ही बनती है।
------------------
दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
४.शब्दयोग सारथी पत्रिका
५.हिन्दी एक्सप्रेस पत्रिका 
६.अमृत सन्देश  पत्रिका

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels