शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश मिलना
चाहिये पर अगर वहां के पुजारी यह नहीं चाहते तो उसके विरुद्ध सार्वजनिक आंदोलन करना
भी ठीक नहीं हैं। मूलतः हिन्दू अध्यात्मिक ज्ञान स्त्री
पुरुष की किसी प्रकार की पूजा निषेध नहीं करता पर ज्ञानी का यह काम नहीं है कि वह दूसरे
के कर्मकांडों पर प्रतिकूल टिप्पणी करे। वैसे शनिशिंगणापुर मंदिर में प्रवेश के लिये
हो रहे महिला आंदोलन से हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ ही रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि हमारे समुदाय में नारियों
के लिये भी स्वाभाविक लोकतंत्र है। शनिशिंगणापुर
में नारी प्रवेश के लिये आंदोलन से हिन्दू को विचलित न हों। खुश हों कि हमारे
समुदाय में दूसरों की अपेक्षा ज्यादा जागरुकता है। हिन्दू समुदाय में नारियां अपने
धार्मिक भेदभाव के विरुद्ध आंदोलन भी कर सकती हैं। अन्य समुदायों से श्रेष्ठ होने का
यह एक बड़ा प्रमाण है। अध्यात्मिक योग व ज्ञान साधक के रूप में हमारी राय है कि शनिशिंगणापुर
में हेलीकाप्टर से प्रवेश का नाटक रोके नहीं। हमारी धार्मिक सहिष्णुता का प्रमाण होगा।
हिन्दू धर्म अपने प्राचीन तत्वज्ञान के कारण इतना शक्तिशाली है कि वह मंदिर में प्रवेश
करने या न करने के नाटकों से खतरे में नहीं आता।
हिन्दू समुदाय की महिलायें अपने दायरे में ही तो
आंदोलन करेंगी उन्हें दूसरे समुदायों के अंधविश्वासों के विरुद्ध लड़ने के लिये कहना
ठीक नहीं। हमें दूसरे समुदायों के अंधविश्वासों पर टिप्पणी करने की बजाय स्वयं अपने
ज्ञान के प्रति विश्वास जगाना चाहिये। शनिशिंगणापुर में नारी प्रवेश के लिये आंदोलन
करने वालों को दूसरे समुदायों के उदाहरण बताकर मौन रहने के लिये कहना गलत। दिलचस्प!
शनिशिंगणपुर में नयी व पुरानी विचाराधारा की
हिन्दू समुदाय की महिलाओं के बीच वाक्युद्ध! गर्व से कहो हम लोकतांत्रिक भी हैं। शनिशिंगणापुर
में नारी प्रवेश के आंदोलन को धर्म पर हमला नहीं वरन् अपने लोकतांत्रिक होने का प्रमाण
समझकर गर्व करें। प्रगतिशील व जनवादी विद्वान शनिशिंगणापुर में नारी प्रवेश आंदोलन
पर न फुदकें क्योंकि उनके प्रिय धर्म के प्रमुख
स्थान में तो महिलायें जाने की सोचती भी नहीं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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