Tuesday, September 9, 2008

विदुर नीतिः विद्वानों के प्रति आक्रोश प्रकट नहीं करना चाहिए

1.पांच विषयों की तरफ आकर्षित होने वाली अपनी पांच इंद्रियों को जो वश में नहीं करता तो वह उसकी शत्रु हो जाती हैं और मनुष्य चारों तरफ से संकट में घिर जाता है।
2.गुणों में दोष न देखना, हृदय में सहज भाव, आचरण में पवित्रता, संतोष, मधुर वाणी, आत्म निंयत्रण, सत्य बोलना, तथा विचारों में स्थिरता ये कभी भी मूर्ख और दुरात्मा व्यक्ति में नहीं होते।
3.आत्मज्ञान, खिन्नता का अभाव, सहनशीलता, धर्मपरायणता, अपने वचन का निर्वाह तथा दान करने जैसे गुर्ण अधम पुरुष में नहीं होते।
4. विद्वानों के लिये अभद्र शब्द प्रयोग करते हुए उनकी अज्ञानी लोग निंदा करते हैं। विद्वान लोगों से अभद्र और आक्रोशित व्यवहार करने वाला मनुष्य पाप का भागी होता है और क्षमा करने वाला व्यक्ति पाप से मुक्त हो जाता है।
5.दुष्ट लोगों को त्याग न कर उनके साथ होने पर निरपराध होने पर भी सज्जन को दंड भोगना पड़ता है, जैसे सूखी लकड़ी में मिल जाने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है। इसलिये दुष्ट लोगों की संगत कभी नहीं करना चाहिए।

...........................
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप

2 comments:

seema gupta said...

" this is the peaceful place i found daily to come and read"

Regards

शोभा said...

आज भी प्रासंगिक बहुत सुंदर विचार दिए हैं. इसीलिए तो चाणक्य की नीति है. इसीप्रकार के विचार देते रहें.

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels