विदुर नीतिःबुद्धिमान की होती हैं बाहें लंबी
1.बुद्धिमान मनुष्य की कहीं निंदा कर यह नहीं सोचना चाहिए कि अब निश्चित हो गये। बुद्धिमान की बाहेंे लंबी होती हैं और निंदा करने या सताये जाने वह उन्हीं बाहों से बदला लेता है।
2. जो विश्वास पात्र नहीं है उस पर तो कभी विश्वास करना ही नहीं चाहिए पर जिस पर किया जा सकता है उस पर भी अधिक विश्वास नहीं करना चाहिए।
3.वैसे तो सभी को ईष्यारहित, स्त्रियों की रक्षा करने वाला, संपत्ति का न्याय करने वाला, प्रियवचन बोलने वाला, स्वच्छ तथा स्त्रियों से मधुर बोलने वाला होना चाहिए पर किसी के वश में कभी नहीं होने से सभी को बचना चाहिए।यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप
समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-
पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें
No comments:
Post a Comment