Sunday, October 11, 2015

विशेष रविवारीय दीपकबापू वाणी (Super Sundya Deepak Bapu Wani)


तरक्की के पहिये बड़े भारी, रास्ते जाम हो ही जाते हैं।
दीपकबापूभूख से बड़ी लालच, सस्ते काम हो ही जाते हैं।।
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भ्रष्ट इंसान की खोज जारी है, बेफिक्र हैं जिनकी नहीं बारी है।
दीपकबापूविकास की चमक में, काली माया का खेल जारी है।।
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राजसी कर्म में शुद्ध भाव की आस, जैसे बिना इक्के की तास।
दीपकबापू चले पवित्रता की राह, विरले ही करते जगत में वास।।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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