अनुत्सेको लक्ष्म्यांनभिभवगन्धाः परकथाः सतां केनोद्दिष्टं विषमसिधाराव्रतमिदम्।।
हिंदी में भावार्थ-गुप्त दान देना, घर पर आये मेहमान का सम्मान करना, दूसरे का काम कर चुप रहना, अन्य के उपकार को समाज में सभी को बताना। धन वैभव पाकर भी गर्व न करना, दूसरों की कभी निंदा न करना जैसे गुणों का अपनाना तलवार के धार पर चलने जैसा व्रत है। यह व्रत सज्जन पुरुषों को किसने बताया है?
वर्तमान संदर्भ में संपादकीय व्याख्या-अधिकतर मनुष्य तो दान देकर प्रचार करते, घर आये मेहमान को दुत्कारते, दूसरे का काम करते कम गाते अधिक हैं। इससे भी अधिक यह है कि दूसरा उपकार करे तो उसे तो सुनाते नहीं बल्कि उसका काम अपने नाम से दिखाते हैं। जिसे देखो वही दूसरों की निंदा में व्यस्त है।
दरअसल सज्जनता का व्रत कठोर होता है जिसका पालन हर कोई नहीं करता। अधिकतर लोग बहिर्मुखी होकर आत्मप्रचार करते हुए निम्नकोटि का व्यवहार करते हैं। स्थित यह है कि अब तो सम्मान उसी आदमी का रह गया जिसके पास धन, पद और बाहुबल है। उनके नाम पर ही सारे श्रेष्ठ कार्य दर्ज किये जाते हैं भले ही काम उनके मातहतों ने किया हो। इतना ही नहीं गरीब और आम इंसान द्वारा किये गये कार्य को समाज को सुनाने में बड़े लोग संकोच करते हैं चाहे भले ही उनका कितना भी हित उससे हुआ हो।
यही कारण है कि हमारा समाज जड़ हो गया है। हर क्षेत्र में वंशवाद का बोलबाला है। स्थापित वंश केवल आत्मप्रचार कर रहे हैं कि वही श्रे्रष्ठ है। आम इंसान के कार्य को तो मामूली मान लिया जाता है। क्या साहित्य, क्या फिल्म और क्या पत्रकारिता, सभी में स्तुति गान हो रहे हैं पर रचनाधर्मिता के नाम पर सब जगह शून्य है। कहते हैं कि फिल्म अच्छी नहीं बनती? कहानी अच्छी नहीं लिखी जा रही । देश में कोई अविष्कार नहीं हो रहा। किसी भी विषय में सजावट का काम आम इंसान करता है पर हमारे समाज की प्रवृत्ति है कि वह उपलब्धि का आधार पहले से प्राप्त परिलब्धियों के आधार पर तय करता है। यही इस समाज की जड़ता का कारण है।
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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1 comment:
समाज में अनीति और चरित्रहीनता का ज़ोर है. मानसिक रोगों को मान्यता दी जा रही है. गुणी व्यक्ति को मूर्ख माना जाता है. धनी व्यक्ति चाहे उसने कैसे भी धन कमाया हो, को सम्मान दिया जा रहा है. ग़लत सही का अंतर मिटता जा रहा है. शक्तिशाली मीडिया लोगों के मन पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है. एक सोचे समझे षड्यंत्र से अपसंस्कृति फैलाई जा रही है. सभी को इन बातों पर विचार और विश्लेषण करना चाहिए.
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