Tuesday, March 24, 2009

रहीम के दोहे-खुशी देने वाले को दाम देना चाहिए

नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत

कविवर रहीम कहते हैं कि बांसी की धुन पर प्रसन्न होकर मृग अपना शरीर शिकारी को सौंप देता है उसी तरह मनुष्य भी दूसरे को धन देकर हित करता है। वह आदमी पशु के समान है जो प्रसन्नता प्राप्त होने पर भी किसी को कुछ नहीं देता।
वर्तमान संदर्भ में संपादकीय व्याख्या -अधिकतर लोगों की प्रवृत्ति होती है मु्फ्त मेंं काम कराना। अनेक बड़े और धनी लोग अपनी शक्ति दिखाने के लिये छोटे और गरीब से से मु्फ्त में काम कराकर अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करते हैं। एक तरह से अपने बड़प्पन के आतंक तले कुछ लोग दूसरों का सामान और श्रम मुफ्त में लेना चाहते हैं। यह पशुत का प्रमाण है। अगर कोई व्यक्ति हमें थोड़ी भी प्रसन्नता प्रदान करता है तो उसे धन के रूप में कुछ न कुछ देना चाहिये। अगर उसे धन देना उचित न लगे तो उसके हित का कोई काम करना चाहिये जिससे उसे प्रसन्नता प्राप्त हो।

कई बार देखा गया है कि लोग अपनी डींगें हांकने के लिये यह बताते हैं कि अमुक वस्तु उसे मुफ्त में प्राप्त हुई या अमुक आदमी से मैंने यह काम मुफ्त में प्राप्त कर दिया। मुफ्त में काम कराने पर अपने गुणों या शक्ति का यह प्रदर्शन स्वयं को धोखा देने के लिये है। यह सोचना चाहिये कि अगर हमने किसी से कोई वस्तु ली या काम करवाया और उसे पैसा नहीं दिया तो उस आदमी के मन में क्या बात आयी होगी? यकीनन निराशा का भाव पैदा हुआ होगा। यह विचार भी करना चाहिये कि जब हम किसी को प्रसन्न करने वाले काम करते हैं और वह हमें कुछ नहीं देता तो उसके प्रति हमारे मन में कोई अच्छे भाव नहीं रहते।
................................
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप

No comments:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels