जापान का हर नागरिक
उस बौद्धधर्म में रमा है जिसका जन्म ही हिन्दू अध्यात्मिक दर्शन से हुआ है। अतः प्रधानमंत्री
नरेंद्रमोदी का उसे भारत का निजी मित्र कहना अच्छा लगा। बौद्धधर्मियों का राष्ट्र जापान
विश्व में सबसे धनी है तो उसके निवासी भी पराक्रमी है। उनके प्रधानमंत्री शिंजो आबे
का भारत में स्वागत है। अगर चीन भी जापान व भारत के साथ धार्मिक आधार पर एकता स्थापित
करे तो पश्चिम से निर्यातित आतंक रोका जा सकता है। काशी व क्योटो के बीच सेतु की तरह
अध्यात्मिक दर्शन है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी तथा जापान के प्रधानमंत्री
शिंजो अबे का बनारस में गंगा की आरती देखने का दृश्य अच्छा लगा। हमारा मानना है कि
पश्चिम के देशों से विज्ञान के आधार पर मित्रता करने से अधिक पूर्व के देशों से अध्यात्मिक
एकता कायम करना ही बेहतर है।
जापान के प्रधानमंत्री
की काशीयात्रा से अब तो यह लग रहा है कि भारत को अपनी धार्मिक अध्यात्मिक पहचान के
साथ ही विश्व में आगे बढ़ना चाहिये। विश्व के एक धनी देश जापान के प्रधानमंत्री का गंगा
के तट पर जाकर आरती देखना इस बात का प्रमाण है कि भारत की पहचान उसके मूल दर्शन से
भी है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर मध्यप्रदेश
Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior Madhyapradesh
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’,ग्वालियर
athor and editor-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep",Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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