- दुष्ट पुरुषों का बल हिंसा, राजाओं का बल दंड देना, स्त्रियों का बल सेवा और गुणवानोंका बल है क्षमा कर देना।
- वाणी का पूर्ण संयम तो बहुत कठिन माना ही गया है, परन्तु सार्थक तथा दूसरे आदमी को प्रभावित कर सके ऐसी आकर्षक वाणी बोलना भी कम कठिन नहीं है।
- मधुर शब्दों से युक्त बात अनेक प्रकार से लाभदायक होती है किन्तु कटु वाणी तो महान अनर्थकारी होती है और उससे तो हर हाल में बचना चाहिए।
- शरीर में घुसे बाण तो निकाले जा सकते हैं परन्तु कटु शब्द अगर किसी के मन में घर कर जाएं तो उसे निकालना कठिन होता है।
- जिसने स्वयं अपने आत्मा को ही जीत लिया है, वही उसका बंधू बन जाता है। आत्मा ही सच्चा बंधू है और वही नियत शत्रु भी है।
- जो धर्म और अर्थ का परित्याग कर अपनी इन्द्रियों के वश में हो जाता है वह जल्द ही अपने ऐश्वर्य, प्राण, धन-संपदा और स्त्री से वंचित हो जाता है।
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 years ago