- नित्य स्नान करने वाले मनुष्य को बल, रूप, मधुर स्वर, आकर्षक वर्ण,, कोमलता, सुगंध, पवित्रता, शोभा, सुकुमारता और सौन्दर्य प्राप्त होता है।
- संतुलित भोजन करने वाले को आरोग्य, आयु, बल, सुख, सुन्दर संतान और समाज में सम्मान प्राप्त होता है। लोग उस पर अधिक खाने का आक्षेप नहीं करते।
- अकर्मण्य, अधिक खाने वाले और सबसे लड़ने वाले, मायावी, क्रूर, देश-काल न रखने वाले और खराब वेशभूषा धारण करने वाले को अपने घर में न ठहरने दें
- बहुत कष्ट झेलने पर भी कमजोर, अभद्र शब्द बोलने वाले,निर्बुद्धि, जंगल में रहने वाले, धूर्त, निर्दयी और कृतघ्न से कभी सहायता नहीं मांगनी चाहिए।
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 years ago