Thursday, September 25, 2008

रहीम सन्देश: घमंड करना है लघुता का प्रतीक

बड़े पेट के भरन को, है रहीम देख बाढि
यातें हाथी हहरि कै, दया दांत द्वे काढि

कविवर रहीम कहते हैं कि जो आदमी बड़ा है वह अपना दुख अधिक दिन तक नहीं छिपा सकता क्योंकि उसकी संपन्नता लोगों ने देखी होती है जब उसके रहन सहन में गिरावट आ जाती है तब लोगों को उसके दुख का पता लग जाता है। हाथी के दो दांत इसलिये बाहर निकल आये क्योंकि वह अपनी भूख सहन नहीं कर पाया।

बड़े बड़ाई नहिं तजैं, लघु रहीम इतराइ
राइ करौंदा होत है, कटहर होत न राइ

कविवर रहीम कहते हैं कि बड़े आदमी कभी अपने मुख से स्वयं अपनी बड़ाई नहीं करते जबकि छोटे लोग अहंकार दिखाते है। करौंदा पहले राई की तरह छोटा दिखाई देता है परंतु कटहल कभी भी राई के समान छोटा नजर नहीं आता।

वर्तमान संदर्भ में व्याख्या-कहा जाता है कि धनाढ्य व्यक्ति इतना अहंकार नहीं दिखाता जितना नव धनाढ्य दिखाते हैं। होता यह है कि जो पहले से ही धनाढ्य हैं उनको स्वाभाविक रूप से समाज में सम्मान प्राप्त होता है जबकि नव धनाढ्य उससे वंचित होते हैं इसलिये वह अपना बखान कर अपनी प्रभुता का बखान करते हैं और अपनी संपत्ति को उपयोग इस तरह करते हैं जैसे कि किसी अन्य के पास न हो।

वैसे बड़ा आदमी तो उसी को ही माना जाता है कि जिसका आचरण समाज के हित श्रेयस्कर हो। इसके अलावा वह दूसरों की सहायता करता हो। लोग हृदय से उसी का सम्मान करते हैं जो उनके काम आता है पर धन, पद और बाहुबल से संपन्न लोगों को दिखावटी सम्मान भी मिल जाता है और वह उसे पाकर अहंकार में आ जाते हैं। आज तो सभी जगह यह हालत है कि धन और समाज के शिखर पर जो लोग बैठे हैं वह बौने चरित्र के हैं। वह इस योग्य नहीं है कि उस मायावी शिखर पर बैठें पर जब उस पर विराजमान होते हैं तो अपनी शक्ति का अहंकार उन्हें हो ही जाता है। जिन लोगों का चरित्र और व्यवसाय ईमानदारी का है वह कहीं भी पहुंच जायें उनको अहंकार नहीं आता क्योंकि उनको अपने गुणों के कारण वैसे भी सब जगह सम्मान मिलता है।
----------------------------
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels