मान बढाई जगत में, कूकर की पहचान
प्यार किए मुख चाटई, बैर किये तन हान
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि मान पाने की लालसा, बडाई सुनने की इच्छा तो कुत्ते के लक्षण है। कुता पुचकारे जाने पर पुँछ हिलाता हुआ अपने मालिक के प्रति सम्मान प्रकट करता है और जब उसे फटकारा जाता है तो काटने लगता है।
बड़ा बडाई ना करे, बड़ा न बोले बोल
हीरा मुख से ना कहै, लाख टका मेरो मोल
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते है कि जो व्यक्ति वास्तव में योग्य ज्_ंजानी, विद्वान और शक्तिशाली हैं वह कभी भी अपने मुहँ से अपनी बडाई नहीं करता जैसे कोई हीरा अपने मुहँ से अपने कीमती होने का बयान नहीं करता।
प्यार किए मुख चाटई, बैर किये तन हान
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि मान पाने की लालसा, बडाई सुनने की इच्छा तो कुत्ते के लक्षण है। कुता पुचकारे जाने पर पुँछ हिलाता हुआ अपने मालिक के प्रति सम्मान प्रकट करता है और जब उसे फटकारा जाता है तो काटने लगता है।
बड़ा बडाई ना करे, बड़ा न बोले बोल
हीरा मुख से ना कहै, लाख टका मेरो मोल
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते है कि जो व्यक्ति वास्तव में योग्य ज्_ंजानी, विद्वान और शक्तिशाली हैं वह कभी भी अपने मुहँ से अपनी बडाई नहीं करता जैसे कोई हीरा अपने मुहँ से अपने कीमती होने का बयान नहीं करता।
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