समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जात
सदा रहै नहीं एक सौ, का रहीम पछितात?
कविवर रहीम कहते हैं कि समय चक्र तो घूमता रहता है और उसी के अनुसार मनुष्य को अपने कर्मो का फल मिलता है। समय कभी एक जैसा नहीं रहता इसलिये बुरा समय आने पर परेशान होने से कोई लाभ नहीं है।
उत्तम जाती ब्राह्मनी, देखत चित्त लुभाय
परम पाप पल में हरत, परसत वाके पास
कविवर रहीम कहते हैं कि मनुष्य की पहचान उसके उत्तम गुणों से होती है। ब्रह्मज्ञानी को देखते ही हृदय में प्रसन्नता के भावों का प्रवाह होता है। ऐसे विद्वान के सामने सिर झुकाने मात्र से ही सारे पाप धुल जाते है।
आदि रूप की परम दुति, घट घट रही समाई
लघु मति ते मो मन रसन, अस्तुति कही न जाई
कविवर रहीम कहते हैं कि आदि रूप परमात्मा का प्रकाश चारों तरफ फैला है। वह कणकण में समाया हुआ है। उसके प्रभाव करने में किसी का भी बौद्धिक ज्ञान कम पड़ जायेगा। उसकी महिमा गाने में तो शब्द भी कम पड़ जाते हैं।
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
1 comment:
समय कभी एक जैसा नहीं रहता इसलिये बुरा समय आने पर परेशान होने से कोई लाभ नहीं है।
""सत्य वचन आभार"
Regards
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