आशा नाम नदी मनोरथजला तृष्णातरङगाकुला
रामग्राहवती वितर्कविहगा धैर्यद्रुमध्वंसिनी
मोहावर्तसुदुस्तराऽतिगहना प्रोत्तुङगचिन्तातटी
तस्याः पारगता विशुद्धमनसो नन्दन्ति योगश्वराः
आशा एक नदी की भांति इसमे हमारी कामनाओं के रूप में जल भरा रहता है और तृष्णा रूपी लहरें ऊपर उठतीं है। यह नदी राग और अनुराग जैसे भयावह मगरमच्छों से भरी हुई हैं। तर्क वितर्क रूपी पंछी इस पर डेरा डाले रहते हैं। इसकी एक ही लहर मनुष्य के धैर्य रूपी वृक्ष को उखाड़ फैंकती है। मोह माया व्यक्ति को अज्ञान के रसातल में खींच ले जाती हैं, जहा चिंता रूपी चट्टानों से टकराता हैं। इस जीवन रूपी नदी को कोई शुद्ध हृदय वाला कोई योगी तपस्या, साधना और ध्यान से शक्ति अर्जित कर परमात्मा से संपर्क जोड़कर ही सहजता से पार कर पाता है।
1 comment:
बहुत बढिया।
रमेश
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