जो तोको काटा बुवै, ताहि बुवै तू फूल
तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरशूल
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं जो अगर कोई व्यक्ति तुम्हारे लिए कांटे बोता है, तुंम उसके लिए फूल बोओ। तुम्हारे तो फूल हमेशा ही फूल होंगे परंतु उसके लिये कांटे तिरशूल की तरह उसको लगेंगे।
कबीर आप ठगाइये, और न ठगिये कोय
आप ठगै सुख, ऊपजै और ठगे दुख होय
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि अगर आपको कोई ठग जाता है तो कोई बात नहीं है, पर आप स्वयं किसी को ठगने का प्रयास मत करो। हम ठग जायें तो एक तरह से इस बात का तो सुख होता है कि हमने स्वयं कोई अपराध नहीं किया पर अगर हम किसी दूसरे को ठगते हैं तो मन में अपने पकड़े जाने का भय होता है और कभी न कभी तो उसका दंड भी भोगना पड़ता है।
संपादकीय व्याख्या-ऐसा लगता है कि दूसरों को ठगने वाले लोग सुखी हैं, पर यह वास्तविकता नहीं है। जिन लोगों ने दूसरों के प्रति अपराध कर संपत्ति बनाई है उनको भी कहीं न कहीं मन में भय रहता है और कभी न कभी उनको दंड भोगना ही पड़ता है। यह दंड किसी भी प्रकार का हो सकता है। उनकी संतानें अयोग्य होतीं हैं या उनके घर मे बीमारियों का वास रहता है। पकड़े जाने पर सामाजिक रूप से भी वह अपमानित होते हैं। इसलिये स्वयं हमें किसी को ठगने का प्रयास नहीं करना चाहिए। हां, कभी स्वयं ठगे जाते हैं तब धन या वस्तु खोने का क्षणिक दुःख होता है पर समय के साथ उसे भूल जाते हैं पर अगर किसी और को हम ठगते हैं तो वह अपराध हमारे हृदय में शूल की तरह चुभा रहता है और इससे जीवन में हम सदैव विचलित रहते है।
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
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रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
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हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 years ago
1 comment:
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं जो अगर कोई व्यक्ति तुम्हारे लिए कांटे बोता है, तुंम उसके लिए फूल बोओ। तुम्हारे तो फूल हमेशा ही फूल होंगे परंतु उसके लिये कांटे तिरशूल की तरह उसको लगेंगे।
bahut hi pasand aaya ye vichar
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