Sunday, March 2, 2008

रहीम के दोहे:राम नाम की बजाय उपाधि को महत्व देने वालों का जीवन व्यर्थ

राम नाम जान्यो नहीं, जान्यो सदा उपाधि
कहि रहीम तिहिं आपुनो, जनम गंवायो वादि


कविवर रहीम कहते हैं कि जिन लोगों ने नाम का नाम धारण न कर अपने धन, पद और उपाधि को ही जाना और राम के नाम पर विवाद खडे किये उनका जन्म व्यर्थ है. वह केवल वाद-विवाद कर अपना जीवन नष्ट करते हैं।

राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि
कहि रहीम क्यों मानिहै, जम के किंकर कानि


कविवर रही कहते हैं कि जिस मानव ने राम की महिमा नहीं समझी और अन्य देवों की ही पूजा की तो उसमें उसे हानि ही होती है। ऐसे में यमराज के सेवक किसी मर्यादा को नहीं मानेंगे।
भाव-राम का नाम ही सत्य है और बाक़ी अन्य देवों की पूजा से क्या लाभ. उससे तो मन इधर उधर भटकता है ऐसे में जब मृत्यु आती है तो बहुत तकलीफ होती है और पूरा जीवन भी राम का नाम लिए बिना बडे कष्ट से बीतता है।

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

दीपक जी,बिल्कुल सही बात की ओर इशारा है।अच्छे दोहे प्रेषित किए हैं।

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