शूटिंग-हूटिंग
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सुरा, सुंदरी और सता के खेल में
अब ऐसे दृश्य सामने आने लगे हैं
कि पता ही नहीं लगता
असल हैं या फिल्म की शूटिंग है
दौलत, शौहरत और ताकत के सहारे
करने वालों का हर कर्म
शानदार अभिनय कहलाये
गरीब के बुरे क्या अच्छे कर्म पर भी
लोग करते हूटिंग है
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दृश्य-अदृश्य
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प्रचार प्रबंधक रचते हैं
शब्दों का ऐसा मायाजाल कि
फिल्मी हीरो
असल जिन्दगी में विलेन होते हुए भी
लोगों के दिल में हीरो होते हैं
अखबार और टीवी में खबरों की
ऐसी चाल रचते हैं गोया कि
हीरो के जग जाहिर काले कारनामे भी
ऐसे प्रस्तुत होते हैं जैसे
कोई काल्पनिक दृश्य हैं
देश , समाज और मर्यादाओं का
कोई लेना-देना नहीं
हीरो से लड़ने वाली
उसे सताने वाली
ऎसी शक्ति है जो अदृश्य है
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प्रचार प्रबंधन
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असली दृश्य नकली लगे
और नकली लगे असली
इसी करामात को
कहते हैं प्रचार प्रबंधन
खलनायक को फिल्म में पीटकर
बनता है नायक
करता है असल जिंदगी में खलनायकी
पर अखबार रहते हैं खामोश
और टीवी पर ऐसे दृश्य आते जैसे
लोग देख रहे हैं स्वपन
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ख्याल हमेशा हकीकत नहीं हुआ करते
अगर ऐसा होता तो
लोग आसमान में ही उड़ते
जमीन की तरफ नजर तक नहीं करते
समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता है-पतंजलि योग सूत्र
(samadhi chenge life stile)Patanjali yog)
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*समाधि से जीवन चक्र स्वतः ही साधक के अनुकूल होता
है।-------------------योगश्चित्तवृत्तिनिरोशःहिन्दी में भावार्थ -चित्त की
वृत्तियों का निरोध (सर्वथा रुक ज...
3 years ago
1 comment:
दीपक जी,सच्चे आयामों को दर्शाती बहुत बढिया रचनाएं हैंं बधाई स्वीकारें।
ख्याल हमेशा हकीकत नहीं हुआ करते
अगर ऐसा होता तो
लोग आसमान में ही उड़ते
जमीन की तरफ नजर तक नहीं करते
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