tag:blogger.com,1999:blog-3745339968896356639.post8576309444029122078..comments2023-04-08T17:41:46.022+05:30Comments on दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका: भर्तृहरि शतकः कामदेव का दंड भी कम नहीं होता ( hindu dharm and thought on sex in hindi)दीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3745339968896356639.post-12148322818795866582009-03-06T09:43:00.000+05:302009-03-06T09:43:00.000+05:30ओशो ने कहा है की ब्रह्मचर्य का अर्थ है ब्रह्म (ईश्...ओशो ने कहा है की ब्रह्मचर्य का अर्थ है ब्रह्म (ईश्वर) की चर्या, जब चेतना ईश्वर से एकाकार हो जायेगी तो संसार से स्वतः ही मन हट जायेगा. वर्ना जो कुछ भी ब्रह्मचर्य के नाम पर प्रचलित है वह 'वीर्य की कंजूसी मात्र है' और ईश्वर कंजूस तो कतई नहीं है. भगवान श्री कृष्ण योगिराज एवं पूर्णावतार थे पर पूरी तरह सांसारिक थे, और यह संसारिकता उनकी आध्यात्मिकता में कभी बाधक नहीं बनी.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3745339968896356639.post-7791962084893505422009-03-06T06:57:00.000+05:302009-03-06T06:57:00.000+05:30सही कहा है. अच्छइयां और बुराइयां हमेशा रही हैं इसी...सही कहा है. अच्छइयां और बुराइयां हमेशा रही हैं इसी तरह योगी-संन्यासी भी थे और ढोंगी बाबा आज भी हैं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com